मालेगाँव धमाकों की जांच और मुंबई आतंकवादी हमलों का क्या कोई सम्बन्ध है?
इस सच्चाई का पता लगाना होगा
ऐ. टी. एस. प्रमुख हेमंत करकरे करकरे करकरे की मौत का सत्य क्या है........? यह यह जानना कौम कौम के लिए अत्यन्त आवयशक है।
क्या यह आतंकवादी हमला था या फिर "टारगेट किलिंग" हत्या के उद्देश्य से चलाई गई गोली से मौत.......?
इस समय कुछ भी नही कहेंगे, केवल सत्य को प्रस्तुत करने के, जैसा की गत दिनों में हमने अपने लेख द्वारा किया था। हमें विशवास है की इंशाअल्लाह सत्य स्वयं बोलेगा।
इस समय हम प्रस्तुत करने जा रहे हैं हेमंत करकरे की शहादत से पहले के कुछ दिनों का हाल, की उन के साथ क्या हुआ?
महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्कुआद (ऐ. टी. एस.) के चीफ हेमंत करकरे के 26 वर्षीय आई. पी. एस. कैरियर के अन्तिम दिन शायद सबसे व्यस्त और कष्टपूर्ण थे। ऐ. टी. एस. यह समझ रही थी की उसने 29 सितम्बर के मालेगाँव बम धमाके के मामले को हल कर लिया है और एक महीने पूर्व उसने हिंदू आतंकवादियों को गिरफ्तार कर के पूरे देश को चोंका दिया था और आतंकवाद और धर्म से सम्बंधित एक नई कहानी प्रस्तुत की थी।
किंतु इस छानबीन के दौरान जैसे जैसे षड़यंत्र का परदा फाश होता गया और कुछ हिंदू नेताओं के नाम सामने आते गए, यह मामला राजनितिक बाजीगरी में बदलता चला गया और ऐ. टी. एस. पर कई प्रकार के आरोप लगाये जाने लगे की उसे संघ परिवार को निशाना बनाने हेतु एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है और बम धमाकों के 11 आरोपियों को असंवैधानिक रूप से हिरासत में लेकर उनको प्रताडित किया जा रहा है और उन पर आरोप लगाये जा रहे हैं।
भाजपा, आर. एस. एस, और वि. एह. पी. नेताओं सहित हिंदू नेशनल ब्रिगेड ऐ. टी. एस. पर छींटा कशी करने लगते हैं, यहाँ तक की कुछ लोग यह मांग भी करने लगते हैं की ऐ. टी. एस. अधिकारीयों का नार्को टेस्ट कराया जाए ताकि इन के इरादों का पता चल सके।
कोई और नहीं बल्कि स्वयं प्रधान मंत्री पद के दावेदार एल. के. अडवाणी भी ऐ. टी. एस. टीम में बदलाव की बात करने लगते हैं और यह मांग करते हैं की मालेगाँव मामले की प्रमुख आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को प्रताडित किए जाने की न्यायिक जांच कराइ जाए।
शिव सेना भी संदिग्ध आरोपियों के समर्थन में आ जाती है और अपने पत्र " सामना " में कुछ ऐ. टी. एस. अधिकारीयों के नाम तक प्रकाशित करती है, उन पर छींटा कशी करती है और उन पर आरोप लगाती है की उन्होंने मालेगाँव के आरोपीयों को प्रताडित किया है।
करकरे पर इस का क्या प्रभाव पड़ा, इसे जानने और छान बीन में बढ़त के बारे में मालूम करने के लिए इंडियन एक्सप्रेस ने उनकी शहादत से 36 घंटे पूर्व उनसे मुलाक़ात की और ऑफ़ द रिकॉर्ड कही गई बातों को प्रकट करने का फ़ैसला किया और छान बीन करने वाले के क्रोध को जानने का प्रयास किया जो की अब राजनितिक आतंकवाद के भंवर में फँस चुका था।
करकरे का प्रथम उत्तर यही था की "मुझे नहीं पता की इस मामले ने राजनितिक रंग कैसे पालिया। हम पर बहुत अधिक दबाव है और मैं इस के लिए बहुत चिंतित हूँ की कैसे इस मामले को राजनीती से बाहर निकाला जाए।"
क्या इस दबाव का सम्बन्ध इस सिलसिले में है जो भावी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऐ. टी.एस. के विश्वास पर लगा रहे हैं?
" जी हाँ, " इन का उत्तर था! " हम लोग पूर्ण सावधानी के साथ क़दम उठा रहे हैं!"
पुलिस ने इस तथ्य की पुष्टि कर दी है की ऐ. टी. एस. प्रमुख के घर को उडाने की धमकी मिली है
पुणे: एक नामालूम कालर (फ़ोन करने वाले), जिस ने पुणे पुलिस से सम्बन्ध स्थापित करने के लिए पी। सी. ओ. का प्रयोग किया, ने मुंबई ऐ. टी. एस. के घर को "आगामी कुछ दिनों में" उडाने की धमकी दी थी! इस बात की पुष्टि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने की है!
फ़ोन करने वाला मराठी भाषा में बात कर रहा था और उस ने 24 नवम्बर की शाम को यह धमकी देने के पश्चात फ़ोन काट दिया था! उपायुक्त पुलिस राजेंद्र सोनावने ने इस बात की पुष्टि की! बाद में पुलिस आयुक्त ने यह भी बताया की पुलिस ने फ़ोन बूथ का पता लगाया तो यह इसी शहर का निकला! उन से जब यह पूछा गया की क्या यह एक "फर्जी कॉल" था? सोनावने ने बताया की मौजूदा परिस्थितियों में पुलिस इस प्रकार की सभी काल्स को गंभीरता पूर्वक ले रही है और ऐ. टी. एस. को इस सम्बन्ध में सूचना दे दी गई थी!
ऐ. टी. एस. प्रमुख को धमकी भरा फ़ोन: आरोपी का पता लगाने हेतु जांच प्रारम्भ की गई थी
28 नवम्बर को पुणे पुलिस ने इस नामालूम व्यक्ति की छानबीन शरू कर दी है जिस ने ऐ. टी. एस. प्रमुख हेमंत करकरे के घर को उडाने की धमकी टेलीफोन कॉल के द्वारा 24 नवम्बर को पुलिस कंट्रोल रूम को दी थी! करकरे की एक आतंकवादी घटना में मुंबई में हत्या कर दी गई! उपायुक्त पुलिस राजेंद्र सोनावने (नियम व कानून) ने बताया की एक नामालूम व्यक्ति ने सायं 5.20 बजे कंट्रोल रूम को फ़ोन कर के करकरे को दो तीन दिन के भीतर जान से मारने की धमकी दी थी! सोनावने ने बताया की फ़ोन करने वाला मराठी भाषा में बात कर रहा था और उस ने तत्काल ही फ़ोन काट दिया!
छानबीन से पता चला है की यह कॉल फ़ोन नम्बर 24231375 से की गई थी जो की सहाकार नगर के एक पी. सी. ओ. बूथ का है! यह बूथ कानाराम चौधरी का है, जो सहाकार नगर की सारंग सोसाइटी में कोहेनूर नामक एक जनरल स्टोर की दूकान चलाता है! दत्तावाड़ी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस इंसपेक्टर उत्तम मोरे ने बताया की चौधरी के विरुद्ध भारतीय संविधान की धारा 188 के अंतर्गत (पुलिस की बात न मानने पर) एक मामला दर्ज कर दिया गया है! सिटी कंट्रोल रूम का निर्देश मिलने पर इस सम्बन्ध में मामला दर्ज किया गया था!
मोरे ने बताया की यह क़दम इस लिए उठाया गया है चूंकि चौधरी ने पुलिस के इस आदेश का पालन नहीं किया की जिसके अंतर्गत सभी पी. सी. ओ. स्वामियों से कहा था की वह अपने यहाँ से फ़ोन करने वाले सभी लोगों के सम्बन्ध में एक रजिस्टर तैयार करके रखें! यह आदेश "कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसेजर" की धारा 144 (खतरे की हालत में तत्काल आदेश देने का अधिकार) के अंतर्गत जारी किया गया था!
जब टाईम्स ऑफ़ इंडिया ने चौधरी से संपर्क किया तो उस ने बताया की उस ने कालर को नहीं देखा था क्योंकि उस दिन उस की दूकान पर काफ़ी भीड़ थी! चौधरी ने यह बात स्वीकार की की पुलिस ने उस के विरुद्ध megistrate के न्यायलय में एक मामला दर्ज कर लिया है! उस ने यह भी बताया की इस मामले में निर्दोष पाये जाने के बाद उसे ज़मानत भी मिल चुकी है! इस मामले की अगली सुनवाई १ दिसम्बर को होगी!
चौधरी ने आगे बताया की पुलिस उसे इस लिए आरोपी नहीं ठहरा सकती क्योंकि उस ने फ़ोन करने वाले व्यक्ति को देखा ही नहीं! जब उस से यह पूछा गया की क्या वह आज के बाद पी। सी. ओ. का प्रयोग करने वालों का रजिस्टर बनाएगा, तो चौधरी ने इनकार कर दिया! उसने कहा की भले ही यह जनता के फायदे के लिए हो, किंतु उस के लिए ऐसा करना सम्भव नहीं है!
चौधरी ने यह भी बताया की यदि पी.सी. ओ. मालिकों को परेशान करने का सिलसिला चलता रहा तो उन के पास फ़ोन कनेक्शन कटवाने के अतिरिक्त कोई चारा नहीं होगा!
इस के बाद जब टाईम्स ऑफ़ इंडिया ने इस की दूकान का दौरा किया तो वहाँ पर कोई फ़ोन मौजूद नहीं था!
मंगल अर्थात 25 नवम्बर 2008 को मुंबई आतंकवादी हमलों से एक दिन पूर्व एक अनजान व्यक्ति ने पुलिस को फ़ोन कर के आश्चर्यचकित कर दिया! इस व्यक्ति ने कहा की ऐ. टी. एस. प्रमुख हेमंत करकरे को 2-3 दिन के भीतर एक बम धमाके में मार दिया जाएगा! पुलिस ने इस क्षेत्र का पता लगा लिया जहाँ के एक पी. सी. ओ. से ये फ़ोन किया गया था और यह क्षेत्र था सहाकार नगर!
पुलिस उपायुक्त राजेंद्र सोनावने ने कहा "पुलिस कंट्रोल रूम को आज सायं यह कॉल एक नामालूम नम्बर से की गई थी! फ़ोन करने वाले व्यक्ति ने मराठी में यह धमकी दी की दो तीन दिन के भीतर करकरे के घर पर एक बम धमाका किया जायेगा!"
सूचना मिलते है कंट्रोल रूम में तैनात पुलिस अधिकारीयों ने सम्बंधित अधिकारीयों को इस की सूचना दी! इस के बाद शहर की क्रीम ब्रांच ने उस स्थान की छानबीन शुरू की जहाँ से यह फ़ोन आया था और यह पी. सी. ओ. सारंग सोसाइटी बस स्टाप के करीब स्थित है और इस का फ़ोन नम्बर 24231375 है।
पुलिस ने इस पी. सी. ओ. के स्वामी से जम कर पूछताछ की, किंतु इस व्यक्ति ने कहा की वह फ़ोन करने वाले व्यक्ति का नाम नहीं बता पायेगा क्योंकि जब ये फ़ोन किया गया था, उस समय उस की दूकान में काफ़ी भीड़ थी!
उसने कहा हम इस फ़ोन को काफ़ी गंभीरता से ले रहे हैं, हम इस मामले के सभी पहलुओं की सघन छानबीन करेंगे और इस के बाद आगे की कार्रवाई पर कोई निर्णय लेंगे! पुलिस ने कहा हालांकि करकरे सहाकार नगर में नहीं रहते, किंतु वह इस कस्बे में कभी कभी अपने सम्बन्धियों से मिलने आते हैं!
भाजपा के समस्त बड़े नेताओं ने मालेगओं धमाके की छानबीन के सम्बन्ध में यु पी ऐ सरकार पर हमले शुरू कर दिए थे! एक और एल. के. अडवाणी ने महाराष्ट्र ऐ टी एस पर आरोप लगाया की वह अव्यवसायिक तरीके से और राजनितिक दबाव में कार्य कर रही है और धमाकों में सम्मिलित आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के साथ क्रूर व्यहार कर रही है तो दूसरी ओर राज नाथ सिंह ने कांग्रेस को आदे हाथों लेते हुए कहा की कांग्रेस मुस्लिम आतंकवाद और हिंदू आतंकवाद जैसी शब्दावली घड रही है। उन्होंने ख़बरदार किया की आतंकवाद पर अगर समय रहते काबू न पाया गया तो इस का नतीजा गृहयुद्ध के रूप में सामने आ सकता है।
लखनऊ में एक रैली को सम्भोदित करते हुए राज नाथ सिंह ने कहा की आतंकवाद की वारदातों में उस समय वृद्धि हुई है जब भाजपा सत्तासीन नहीं है और अगर ऐसी कार्यवाहियों को जल्द रोका नहीं गया तो यह देश को गृहयुद्ध की ओर ले जायेगा। बाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में श्री सिंह ने कहा की यह बहुत अफसोसनाक है की कांग्रेस अथवा दूसरे प्रमुख धर्मनिरपेक्ष दलों में से किसी ने भी उन ताक़तों की आलोचना नहीं की, जिन्होंने हिंदू आतंकवाद जैसी शब्दावली घड़ी है और मैं यह पूछना चाहता हूँ की क्या यह सरकार अपने राजनितिक फायदे के लिए हिंदू आतंकवाद को मुस्लिम आतंकवाद के मुकाबले खड़ा करना चाहती है। उन्होंने कहा की भाजपा ने कभी भी आतंकवाद को किसी विशेष संप्रदाय से नहीं जोड़ा क्योंकि उस का विश्वास है की उस को किसी भी जाती या धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
इस के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के अपने दौरे के दौरान एल के अडवानी ने मांग की की मालेगाँव धमाकों की जांच कर रही ऐ टी एस टीम को बदला जाए। अब तक मैं साध्वी प्रज्ञा और उस के दुसरे साथियों के विरुद्ध ऐ टी एस के आरोपों पर कुच्छ भी कहने से बच रहा था किंतु जब मैंने उस शपथपत्र को देखा जिस में साध्वी ने अपने ऊपर किए गए अत्याचार और गाली गलोच का विवरण पेश किया है तो मुझे अपना विरोध प्रदर्शन करना आवयशक महसूस हुआ। उन्होंने कहा की मैं मौजूदा ऐ. टी. एस. टीम में बदलाव चाहता हूँ और साध्वी प्रज्ञा और सेना के कुछ अधिकारीयों पर लगाये गए आरोपों की न्यायिक जांच की मांग करता हूँ।