किताब जसवन्त सिंह की, दृष्टिकोण अरूण शोरी का-५
यहां हम विभाजन पर एक दूसरे का सर फोड़ रहे हैं जबकि जिस व्यक्ति के नेतृत्व में यह काम हुआ, उसने जो कुछ भी हुआ उसकी जिम्मेदारी स्वीकार करली है। स्टेनले विलपर्ट की ैींउमनिसस मगपज ने इसे स्पष्ट रूप से बयान किया है। (आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रैस, न्यूयार्क, 2006, पृष्ठ-2)जब लार्ड माउन्ट बेटन से विभाजन के 18 वर्ष बाद पूछा गया कि भारतीय वाय सराॅय के रूप में अपने दौर के बारे में उनकी क्या राय है। 1965 में भारत-पाक युद्ध के तुरंत बाद रात के खाने पर बी।बी।सी के जान उस्मान ;श्रवीद व्ेउंदद्ध के साथ बातचीत में माउंट बेटन ने स्वीकार किया कि उनसे ग़लती हुई है।
उस्मान को 65 वर्षीय पूर्व वाय सराॅय से हमदर्दी महसूस हुई और उनको प्रसन्न करने का प्रयास किया लेकिन असफल रहे। 39 वर्ष बाद अपनी मीटिंग को याद करते हुए उस्मान कहते हैं कि मुझे माउंट बेटन को दिलासा नहीं देना था। उनके निर्णय और भारत में उनकी कार्यशैली आज भी मेरे मस्तिष्क में ताज़ा है। हालांकि मैं घटिया शब्दों के प्रयोग को अपने लेख में पसन्द नहीं करता हूं लेकिन रिपोर्टिंग कि साथ न्याय करने के लिए मुझे ऐसे शब्दों का प्रयोग करना होगा। जो कुछ भी अंतिम वाय सराॅय ने अपने दौर के बारे में कहा वह यही बताता है कि उन्होंने भारत को तबाह किया।
क्या यह बिल्कुल हमारी तरह नहीं है कि हम एक दूसरे को बाहर का रास्ता दिखा रहे हैं और जो कुछ दूसरों ने कहा कि उसके लिए एक दूसरे का सर फोड़ रहे हैं लेकिन यह ग़जब की चाल है।ज्ीम त्मक फनममद ैजतंजमहलरानी गुस्से से लाल हो गई और जंगली जानवर की तरह देखने के बाद चीख़ना आरंभ कर दिया कि सर काट दो, सर काट दो।रानी ने क्रोध में कहा कि उनके सर काट दो। रानी ने देखा कि माली गुलाब के फूलों को तेज़ी से रंग रहा है। रानी सर काटने की बात बार-बार दोहरा रही थी। ऐलिस को बुरा लगने लगा।
इससे पूर्व उसका रानी से कोई झगड़ा नहीं था लेकिन उसे मालूम था कि उसकी लड़ाई किसी भी पल हो सकती है और वह सोचने लगी कि आख़िर उसका क्या होगा? लोगों के सर काटने की इनको ख़तरनाक रूचि है।जैसाकि हमें ज्ीतवनही जीम सववापदह हसंेे से मालूम होता है कि रानी बड़ी या छोटी किसी भी कठिनाई को हल करने के लिए केवल एक ही ढंग अपनाती थी वह यह कि सर काट दो।और इस तरह न्याय होता था। लेकिन इस तरह से न्याय करने के लिए आवश्यक है कि आप रानी ;त्मक फनममदद्ध की कार्यशैली को भी अमल में लायें। ध्सज़ा की घोषणा से पूर्व ही उस पर अमल हो जाना चाहिए। ध्मामला निपटने से पूर्व ही सज़ा की घोषणा हो जानी चाहिए।
ध्तर्क शुरू होने से पूर्व ही मामले को निपटा देना चाहिए। ध्साक्ष्यों की जांच से पूर्व ही तर्क समाप्त हो जाने चाहिएं। ध्साक्ष्य जमा करने से पूर्व ही उनकी जांच हो जानी चाहिए।और इसलिए सर काट दो।ज्ीम ब्ीमेीपतम ब्ंज ैजतंजमहललेकिन आपको यह मांग करनी चाहिए कि हम कैसे हार गये? हमारे पास ग् था और हम आशा कर रहे थे कि हमें ल् और प्राप्त हो जायेगा तब हमारे पास ग़्ल् होगा लेकिन हुआ यह कि ल् मिलने की जगह हमें ल् का घाटा हो गया और अब हम केवल ग्।ल् हैं। परिणाम के बारे में हमारा अनुमान बिल्कुल सही निकला केवल (-) निशान ने मुसीबत पैदा कर दी। हारने का प्रश्न ही कहां उठता है।.
वास्तव में यह नतीजे हमको 2004 की तुलना में बेहतर स्थिित पर रखते हैं तब हम विपक्ष के दलों कम्युनिस्ट, समाजवादी पार्टी में से एक पार्टी थे लेकिन अब विपक्ष के लिए निर्धारित तमाम स्थान हमारे हैं और यह हमारे दृष्टिकोण की पूर्णता है। 30 वर्ष पूर्व हमने कांग्रेस का एकाधिकार समाप्त करने का निश्चय किया था। कांग्रेस की जीत और दूसरों की सफलता के बावजूद हम देश में दो धुर्वीय ( ठपचवसंत ) राजनीति आरम्भ करने में सफल हुए हैं। हार का प्रश्न ही नहीं उठता है इसलिए जब कोई हार हुई ही नहीं है तो इसके कारणों की जांच पड़ताल की भी कोई आवश्यकता नहीं है।
इसके बाद-हार के कारण जानने के लिए हमने एक कमेटी बनाई लेकिन उनके नाम गुप्त रखे जा रहे हैं।इसके बाद-हार के कारण जानने के लिए हमने अपने कुछ चुने हुए लोगों को हमारी राज्य ईकाईयों के पास रवाना किया है जो हार के कारणों पर रिपोर्ट बनाकर देगी।इसके बाद-नहीं वह लोग सूचनाएं जमा नहीं करेंगे बल्कि अपने सर्वेक्षण के अनुसार ही रिपोर्ट तैयार करेंगे।इसके बाद-अपने पर्यवेक्षकों के अनुसार वह लोग रिपोर्ट तैयार नहीं करेंगे क्योंकि वह पूर्व की बात हो गई बल्कि अब वह लोग भविष्य के चैलेंज पर रिपोर्ट तैयार करेंगे।
इसके बाद-अब वह आगे के चैलेंज पर कोई रिपोर्ट तैयार नहीं करेंगे अब वह एक पेपर तैयार करेंगे जो आगे के चैलेंज पर प्राप्त हुए सुझावों पर आधारित होगा।इसके बाद-नहीं अब वह परामर्श नहीं देंगे बल्कि बहस शुरू करने के लिए वह संक्षेप में भविष्य के चैलेंज के लिए कुछ बिन्दु बताएंगे। इस तरह कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई जो कुछ भी मीडिया ने बताया वह अनुमान पर आधारित दस्तावेज़ ही था।धीमी आवाज़ में बिल्ली ने पूछा कि आप किस तरह रानी ( फनममद ) को पसन्द करेंगे?ऐलिस ने कहा बिल्कुल नहीं लेकिन तभी ऐलिस ने देखा कि रानी ( फनममद ) निकट ही है और उसे सुन रही है फिर ऐलिस कहने लगी कि खेल इतनी जल्दी समाप्त करना निरर्थक है वह जीत सकती है।
रानी मुस्कुराई और आगे बढ़ गई। ऐलिस के निकट आते ही राजा ने पूछा कि तुम किससे बात कर रही हो। ऐलिस ने उत्तर दिया कि मेरी एक दोस्त बिल्ली (ब्ीमेीपतम ब्ंज) से। मुझे परिचय कराने की अनुमति दीजिए (जैसा कि आपको याद होगा कि य ह बिल्ली इस रिपोर्ट की तरह है जिसके ज़ाहिरी रूप में सर तो है लेकिन शेष भाग गायब है) राजा ने कहा कि मुझे इसका अन्दाज़ बिल्कुल पसन्द नहीं है फिर भी अगर यह चाहे तो मेरा हाथ चूम सकती है।बिल्ली ने कहा नहीं मैं नहीं चूमना चाहूंगी।राजा ने कहा कि धैर्य मत खो और तुम मुझे इस तरह मत देखो, जैसे ही राजा ने यह कहा बिल्ली ऐलिस के पीछे छुप गई।
ऐलिस ने कहा एक बिल्ली इस तरह राजा को देख सकती है यह मैंने पढ़ा लेकिन कहां याद नहीं। राजा ने ज़ोर देकर कहा तो फिर इसे मिटा देना होगा इसके बाद राजा ने रानी को आवाज़ दी और कहा कि मुझे लगता है आप इस बिल्ली को समाप्त कर देंगे। राजा ने सरगर्मी से कहा कि वह जल्लाद को स्वयं ले आएंगे और वह तेज़ी से चला गया। इस बीच ऐलिस ने सोचा कि वह मैच का जायज़ा ले ले चूंकि उसे रानी के चीखने की आवाज़ें सुनाई दे रही थीं।
ऐलिस जब बिल्ली (ब्ीमेीपतम ब्ंज) के पास वापस आई तो देखा कि उसके चारों और भीड़ जमा है और वहां पर जल्लाद ‘‘राजा और रानी के बीच लड़ाई जारी थी और सभी एक साथ बोल रहे थे और बाकी तमाशबीन चुप थे और बहुत बेचैन दिखाई दे रहे थे’’।ऐलिस जैसे ही वहां पहुंची और सभी से उसने अपनी समस्याएं हल करने की प्रार्थना की सभी ने ऐलिस को अपने तर्क दिये और सभी एक साथ बोल रहे थे ऐसे में ऐलिस के लिए कुछ भी समझना सरल नहीं था।जल्लाद का तर्क था कि आप तब तक एक सर को काट नहीं सकते जब तक कि सर शरीर के साथ न हो उसने ऐसा पहले कभी नहीं किया और वह ऐसा अपने जीवन में शुरू करने नहीं जा रहा है।
राजा का तर्क था कि जिस किसी के भी सर है उसे काटा जा सकता है और कोई बकवास करने की आवश्यकता नहीं है।रानी का तर्क था कि अगर शीघ्र ही कुछ नहीं किया गया तो वह शीघ्र ही सभी को सज़ा देगी।(इस वाक्य के बाद उपस्थित तमाम व्यक्ति बहुत बेचैन थे )लेकिन तब आप क्या करेंगे जब रानी आपसे सम्बोधित हो?ज्ीम स्महंस म्ंहसम ैजतंजमहलजिन्ना को असाधारण बताकर हम धर्मनिर्पेक्ष बनने जा रहे हैं। क्या यह तुमने नहीं कहा कि मेरा विश्वास है कि भारत पाकिस्तान और बंग्लादेश को उस मिसाली विचार को अवश्य अपनाना चाहिए।
कम्बख्त ने मांग की कि क्या तुमने स्वयं नहीं लिखा कि कई लोग इतिहास पर अमिट छाप छोड़ते हैं लेकिन बहुत से ऐसे लोग हैं जो स्वयं इतिहास बनाते हैं और मोहम्मद अली जिन्ना ऐसे ही नायाब व्यक्तियों में शामिल हैं। इस महान व्यक्ति को मेरी सादर श्रृंद्धांजलि है। तब आप कैसे कम उत्तरदायी हो सकते हैं जबकि आपने ऐसे ही मामले में दूसरे को सज़ा दी है। जब इस तरह की बदबख्ती से सामना हुआ तब अपने वकील को सामने कर दिया।मी लार्ड जब मेरा मुवक्किल इंडिया कहता है तब उसका अर्थ यह नहीं है जो हम जानते हैं बल्कि अखण्ड भारत से है जैसा कि आप जानते हैं कि अखण्ड भारत में पाकिस्तान शामिल है। और मी लार्ड बयान में पाकिस्तान शामिल शब्द अनावश्यक है।
इसलिए जब मेरा मुवक्किल इंडिया कहता है तब उसका मतलब पाकिस्तान सहित है और जब वह कहे पाकिस्तान सहित तब अर्थ पाकिस्तान से है। तो जो कुछ भी मेरे मुवक्किल ने कहा है उसे इस तरह पढ़ा जाए। मोहम्मद अली जिन्ना ने जो मुहावरा दिया है वह पाकिस्तान, पाकिस्तान और बंग्लादेश के लिए ठीक है।...................................(जारी)
Thursday, September 17, 2009
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