HomeInternational NewsInternational Tuesday, Feb 23rd, 2010, 3:18 pm [IST] + comment | +Share मां को बचाने के लिये युवक ने कबूला जुर्म Agency न्यूयार्क। न्यूयार्क के एक भूमिगत मार्ग में आत्मघाती बम विस्फोट की साजिश रचने वाले अफगान युवक ने जांचकर्ताओं द्वारा उसकी मां को आव्रजन संबंधी अपराधों के लिये जेल भेजने की धमकी दिये जाने पर अपना अपराध कबूल कर लिया है।
आधिकारिक सूत्नों के मुताबिक आरोपी नजीबुल्लाह जाजी पर अधिकारियों ने दबाव बनाया कि यदि वह अपना जुर्म कबूल नहीं करेगा तो वे उसकी मां को जेल में बंद कर देंगे। जाजी की मां ने अपने आप को जाजी की बजाए किसी और व्यक्ति की मां बताया था।
सूत्नों ने बताया कि मां को जेल भेजने की धमकी के बाद जाजी ने सहयोग करने का निर्णय लिया है। जाजी की मां ने आव्रजन प्रक्रिया में अपने को किसी दूसरे की मां बताया था, हालांकि यह बहुत बडा अपराध नहीं है लेकिन जाजी की मां को जेल भेजने के लिये काफी है।
25 वर्षीय जाजी ने कल बुकलिन की संघीय अदालत में स्वीकार किया था कि उसने अफगान सीमा के पास पाकिस्तान के वजीरिस्तान इलाके में अलकायदा से बम बनाने और हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया था। जाजी ने कहा ..हमारी योजना 11 सितंबर 2001 को अमरीका पर आतंकवादी हमले की आठवीं वर्षगांठ पर मैनहटन में आत्मघाती विस्फोट को अंजाम देने की थी। मेरा मकसद अपनी जान देकर दुनिया को यह दिखाना था कि अमरीकी सैनिक अफगानिस्तान में लोगों के साथ कैसा बर्ताव कर रहे हैं।
पूछताछ में जाजी के पिता ने भी अपने पुत्न को बचाने के लिये झूठ बोला था लेकिन फिलहाल जाजी पिता की बजाय मां को जेल भेजे जाने की धमकी से डर कर सहयोग करने पर राजी हुआ है। सूत्नों ने बताया कि पूछताछ की पूरी प्रक्रिया पांच महीने चली।
'हां, मैं दूसरा 9/11 करने आया था' 23 Feb 2010, 1724 hrs IST,पीटीआई प्रिन्ट ईमेल Discuss शेयर सेव कमेन्ट टेक्स्ट:
न्यू यॉर्क ।। ब्यूटी प्रॉडक्ट्स खरीदकर उससे बम बनाने के आरोपी 25 वर्षीय अफगानी मूल के संदिग्ध आतंकवादी नजीबुल्ला जाजी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। जाजी ने मान लिया है कि वह मैनहटन के सबवे सिस्टम को निशाना बनाए जाने के अल कायदा के 'शहादत' ऑपरेशन में शामिल था।
जाजी ने सोमवार को एक जज के सामने कबूल किया कि उसे उसके मूल देश अफगानिस्तान में अल कायदा ने न्यू यॉर्क में फिदायीन हमलावर बनने के लिए भर्ती किया था। उसके इस इकबालिया बयान के बाद अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने कहा कि अमेरिका में स्यूइसाइड अटैक के लिए पाकिस्तान में अब भी लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
अदालत में जाजी ने तीन आरोपों में अपना जुर्म कबूल किया। इन आरोपों में व्यापक संहार की क्षमता वाले हथियारों के इस्तेमाल के लिए साजिश रचना, दूसरे देश में हत्या की साजिश करना और अल कायदा को साजोसामान मुहैया कराना शामिल हैं।
उसने अदालत में कहा कि मेरी प्लैनिंग 11 सितंबर की आठवीं बरसी पर न्यू यॉर्क के सबवे सिस्टम को उड़ाने की थी। होल्डर ने इसे बड़ी साजिश बताते हुए कहा कि जाजी अगस्त, 2008 में पाकिस्तान गया था, ताकि वह अफगानिस्तान में अमेरिका और गठबंधन सेना के खिलाफ संघर्ष के लिए तालिबान में शामिल हो सके।
जाजी ने कहा कि अल कायदा के सदस्यों ने मेरी भर्ती की और वे मुझे पाकिस्तान के वजीरिस्तान इलाके में ले गए। उन लोगों ने मुझसे अमेरिका में स्यूइसाइड अटैक करने की अपील की जिसे मैंने मान लिया। मैंने कैंप में हथियार और विस्फोटक चलाने की टेनिंग ली। जाजी जनवरी, 2009 में अमेरिका में डेनवार, कॉलराडो लौटा और फिर ब्यूटी प्रॉडक्ट्स खरीदकर उसका इस्तेमाल देसी विस्फोटक बनाने में किया। जाजी की साजिश का खुलासा उस समय हो गया, जब उसे न्यू यॉर्क में ट्रैफिक रूल तोड़ने के लिए रोका गया। उसे जाने की अनुमति दे दी गई पर उसकी हरकतों पर नजर रखा जाने लगा। इससे आतंकवादी हमलों की उसकी साजिश का भंडाफोड़ हो गया।
विस्फोट में हिंदू संगठनों का हाथ! एजेंसी मुंबई. पुणे बम विस्फोट के पीछे हिंदूवादी संगठनों का हाथ होने की आशंका जताई गई है। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने यहां सोमवार को कहा, ‘पुणे में कई हिंदू संगठन सक्रिय हैं। हम ब्लास्ट में उनकी भूमिका की जांच करेंगे।’
महाराष्ट्र सरकार ने पुणे धमाके के पीछे हिंदूवादी संगठनों के होने की संभावना से इंकार नहीं किया है। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या सरकार धमाके के पीछे हिंदूवादी संगठनों की संभावना से इंकार करती है तो एक शीर्ष गृह विभाग के अधिकारी ने जबाब दिया कि हमने ऐसी किसी संभावना को नहीं नकारा है। हम इस दिशा में भी जांच करेंगे।
पुणे हिंदूवादी संगठनों का अहम केंद्र है, हम धमाके में उनका हाथ होने की भी जांच कर रहे हैं। हालांकि अभी तक ऐसे किसी संगठन का हाथ होने के कोई सुबूत नहीं मिले हैं।
हाल ही में मीडिया में आई कुछ रिपोर्टो में धमाके के तार अभिनव भारत संगठन से जोड़े गए थे। इस संगठन की मुखिया महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे की बेटी हिमानी सावरकर है।
एक मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि धमाके की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए को सौंपी जा रही है। इस पर सफाई देते हुए इस अधिकारी ने कहा कि हमें केंद्र सरकार से इस बाबत कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
सरकार को है एटीएस रिपोर्ट का इंतजार
केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली में कहा कि उसे पुणे धमाके की अब तक एटीएस द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट के एक सप्ताह के भीतर आने की संभावना है। गृह सचिव जी के पिल्लई ने प्रेस वार्ता में कहा कि एटीएस जांच में आगे बढ़ रही है और नतीजा एक सप्ताह में हमारे सामने होगा।
हिंदुत्ववादी संगठन 'अभिनव भारत' ने उसे पुणे ब्लास्ट से जोड़े जाने से संबंधित मीडिया में आई खबर ों पर कड़ा ऐतराज जताया है। संगठन की अध्यक्ष हिमानी सावरकर ने मंगलवार को कहा कि जांच एजेंसियां बेबुनियाद कहानियां गढ़ रही हैं, ताकि जर्मन बेकरी ब्लास्ट में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने में अपनी नाकामी को छुपा सकें।
उन्होंने कहा कि अभिनव भारत कोई आतंकवादी संगठन नहीं है। महाराष्ट्र एटीएस तो मालेगांव विस्फोट में भी उसका शामिल होना साबित नहीं कर पाया है।
उन्होंने कहा कि पुणे ब्लास्ट से अभिनव भारत को जोड़ना काफी गैरजिम्मेदाराना और आपत्तिजनक है। दोषियों का पता लगाने में अपनी नाकामी को छुपाने के लिए एटीएस बेबुनियाद कहानियां गढ़ रहा है।
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Tuesday, Feb 23rd, 2010, 3:18 pm [IST] + comment | +Share मां को बचाने के लिये युवक ने कबूला जुर्म
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न्यूयार्क। न्यूयार्क के एक भूमिगत मार्ग में आत्मघाती बम विस्फोट की साजिश रचने वाले अफगान युवक ने जांचकर्ताओं द्वारा उसकी मां को आव्रजन संबंधी अपराधों के लिये जेल भेजने की धमकी दिये जाने पर अपना अपराध कबूल कर लिया है।
आधिकारिक सूत्नों के मुताबिक आरोपी नजीबुल्लाह जाजी पर अधिकारियों ने दबाव बनाया कि यदि वह अपना जुर्म कबूल नहीं करेगा तो वे उसकी मां को जेल में बंद कर देंगे। जाजी की मां ने अपने आप को जाजी की बजाए किसी और व्यक्ति की मां बताया था।
सूत्नों ने बताया कि मां को जेल भेजने की धमकी के बाद जाजी ने सहयोग करने का निर्णय लिया है। जाजी की मां ने आव्रजन प्रक्रिया में अपने को किसी दूसरे की मां बताया था, हालांकि यह बहुत बडा अपराध नहीं है लेकिन जाजी की मां को जेल भेजने के लिये काफी है।
25 वर्षीय जाजी ने कल बुकलिन की संघीय अदालत में स्वीकार किया था कि उसने अफगान सीमा के पास पाकिस्तान के वजीरिस्तान इलाके में अलकायदा से बम बनाने और हथियार चलाने का प्रशिक्षण लिया था। जाजी ने कहा ..हमारी योजना 11 सितंबर 2001 को अमरीका पर आतंकवादी हमले की आठवीं वर्षगांठ पर मैनहटन में आत्मघाती विस्फोट को अंजाम देने की थी। मेरा मकसद अपनी जान देकर दुनिया को यह दिखाना था कि अमरीकी सैनिक अफगानिस्तान में लोगों के साथ कैसा बर्ताव कर रहे हैं।
पूछताछ में जाजी के पिता ने भी अपने पुत्न को बचाने के लिये झूठ बोला था लेकिन फिलहाल जाजी पिता की बजाय मां को जेल भेजे जाने की धमकी से डर कर सहयोग करने पर राजी हुआ है। सूत्नों ने बताया कि पूछताछ की पूरी प्रक्रिया पांच महीने चली।
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'हां, मैं दूसरा 9/11 करने आया था'
23 Feb 2010, 1724 hrs IST,पीटीआई
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न्यू यॉर्क ।। ब्यूटी प्रॉडक्ट्स खरीदकर उससे बम बनाने के आरोपी 25 वर्षीय अफगानी मूल के संदिग्ध आतंकवादी
नजीबुल्ला जाजी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। जाजी ने मान लिया है कि वह मैनहटन के सबवे सिस्टम को निशाना बनाए जाने के अल कायदा के 'शहादत' ऑपरेशन में शामिल था।
जाजी ने सोमवार को एक जज के सामने कबूल किया कि उसे उसके मूल देश अफगानिस्तान में अल कायदा ने न्यू यॉर्क में फिदायीन हमलावर बनने के लिए भर्ती किया था। उसके इस इकबालिया बयान के बाद अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर ने कहा कि अमेरिका में स्यूइसाइड अटैक के लिए पाकिस्तान में अब भी लोगों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
अदालत में जाजी ने तीन आरोपों में अपना जुर्म कबूल किया। इन आरोपों में व्यापक संहार की क्षमता वाले हथियारों के इस्तेमाल के लिए साजिश रचना, दूसरे देश में हत्या की साजिश करना और अल कायदा को साजोसामान मुहैया कराना शामिल हैं।
उसने अदालत में कहा कि मेरी प्लैनिंग 11 सितंबर की आठवीं बरसी पर न्यू यॉर्क के सबवे सिस्टम को उड़ाने की थी। होल्डर ने इसे बड़ी साजिश बताते हुए कहा कि जाजी अगस्त, 2008 में पाकिस्तान गया था, ताकि वह अफगानिस्तान में अमेरिका और गठबंधन सेना के खिलाफ संघर्ष के लिए तालिबान में शामिल हो सके।
जाजी ने कहा कि अल कायदा के सदस्यों ने मेरी भर्ती की और वे मुझे पाकिस्तान के वजीरिस्तान इलाके में ले गए। उन लोगों ने मुझसे अमेरिका में स्यूइसाइड अटैक करने की अपील की जिसे मैंने मान लिया। मैंने कैंप में हथियार और विस्फोटक चलाने की टेनिंग ली। जाजी जनवरी, 2009 में अमेरिका में डेनवार, कॉलराडो लौटा और फिर ब्यूटी प्रॉडक्ट्स खरीदकर उसका इस्तेमाल देसी विस्फोटक बनाने में किया। जाजी की साजिश का खुलासा उस समय हो गया, जब उसे न्यू यॉर्क में ट्रैफिक रूल तोड़ने के लिए रोका गया। उसे जाने की अनुमति दे दी गई पर उसकी हरकतों पर नजर रखा जाने लगा। इससे आतंकवादी हमलों की उसकी साजिश का भंडाफोड़ हो गया।
विस्फोट में हिंदू संगठनों का हाथ!
एजेंसी
मुंबई. पुणे बम विस्फोट के पीछे हिंदूवादी संगठनों का हाथ होने की आशंका जताई गई है। महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने यहां सोमवार को कहा, ‘पुणे में कई हिंदू संगठन सक्रिय हैं। हम ब्लास्ट में उनकी भूमिका की जांच करेंगे।’
महाराष्ट्र सरकार ने पुणे धमाके के पीछे हिंदूवादी संगठनों के होने की संभावना से इंकार नहीं किया है। जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या सरकार धमाके के पीछे हिंदूवादी संगठनों की संभावना से इंकार करती है तो एक शीर्ष गृह विभाग के अधिकारी ने जबाब दिया कि हमने ऐसी किसी संभावना को नहीं नकारा है। हम इस दिशा में भी जांच करेंगे।
पुणे हिंदूवादी संगठनों का अहम केंद्र है, हम धमाके में उनका हाथ होने की भी जांच कर रहे हैं। हालांकि अभी तक ऐसे किसी संगठन का हाथ होने के कोई सुबूत नहीं मिले हैं।
हाल ही में मीडिया में आई कुछ रिपोर्टो में धमाके के तार अभिनव भारत संगठन से जोड़े गए थे। इस संगठन की मुखिया महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के भाई गोपाल गोडसे की बेटी हिमानी सावरकर है।
एक मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि धमाके की जांच राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए को सौंपी जा रही है। इस पर सफाई देते हुए इस अधिकारी ने कहा कि हमें केंद्र सरकार से इस बाबत कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
सरकार को है एटीएस रिपोर्ट का इंतजार
केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली में कहा कि उसे पुणे धमाके की अब तक एटीएस द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट के एक सप्ताह के भीतर आने की संभावना है। गृह सचिव जी के पिल्लई ने प्रेस वार्ता में कहा कि एटीएस जांच में आगे बढ़ रही है और नतीजा एक सप्ताह में हमारे सामने होगा।
हिंदुत्ववादी संगठन 'अभिनव भारत' ने उसे पुणे ब्लास्ट से जोड़े जाने से संबंधित मीडिया में आई खबर
ों पर कड़ा ऐतराज जताया है। संगठन की अध्यक्ष हिमानी सावरकर ने मंगलवार को कहा कि जांच एजेंसियां बेबुनियाद कहानियां गढ़ रही हैं, ताकि जर्मन बेकरी ब्लास्ट में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने में अपनी नाकामी को छुपा सकें।
उन्होंने कहा कि अभिनव भारत कोई आतंकवादी संगठन नहीं है। महाराष्ट्र एटीएस तो मालेगांव विस्फोट में भी उसका शामिल होना साबित नहीं कर पाया है।
उन्होंने कहा कि पुणे ब्लास्ट से अभिनव भारत को जोड़ना काफी गैरजिम्मेदाराना और आपत्तिजनक है। दोषियों का पता लगाने में अपनी नाकामी को छुपाने के लिए एटीएस बेबुनियाद कहानियां गढ़ रहा है।
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