महाराष्ट्र ऐ टी एस के प्रमुख के पी रघुवंशी
क्या हेमंत करकरे के सही उत्तराधिकारी हैं?
आज प्रात:जब मैं अंग्रीजी दैनिक "टाईम्स ऑफ़ इंडिया" तथा "हिंदुस्तान टाईम्स" का अध्यन कर रहा था तो तीन समाचारों पर मेरा ध्यान केंद्रित हुआ, उस में आर एस एस के एक सदस्य की बम बनने में लिप्त होने की बात एक बार फिर सामने आई, इत्तेफाक से कानपूर में गैस सिलेंडर फटने से ७ लोगों के घायल होने का समाचार भी हमारे सामने था, जिस में चिंताजनक बात यह थी की सिलेंडर के पास बारूद भी पाया गया तथा जब इस का कारण मालूम किया गया तो कहा गया की यह पटाखे थे और बाद में उन्हें गायब भी कर दिया गया। ऐसे कुछ समाचारों को एकत्रित करके मैं अलग से एक लेख लिख रहा हूँ, जो जल्द ही पाठकों की सेवा में प्रस्तुत किया जायेगा। बहरहाल ऐसे समाचारों से पता चलता है की संघ परिवार की गतिविधियाँ क्या हैं? हमारी सरकार आतंकवाद पर कंट्रोल करना भी चाहती है और ऐसी घटनाओं की उपेक्षा भी करती रहती हैं, उसकी नियत में खोट है या कोई और मजबूरी, इसका उत्तर तो बहरहाल सरकार को ही देना होगा, यदि वह अंतुले के प्रशन के उत्तर में गृहमंत्री की लीपापोती वाले रुख से हटा कर कोई ठोस उत्तर दे सके तो......
एक दूसरा समाचार जिसने आकर्षित किया वह शिवसेना के प्रमुख बाल ठाकरे का बयान था, जो कह रहे थे की मुझे खुशी होगी की मालेगाँव बम धमाकों में हिंदू संघटनों का नाम सिद्ध होता है तो यह एक प्रशसनीय संदेश हैं। वह हिंदू आतंकवाद की वकालत करते भी नज़र आए। ठाकरे हिंदू खुदकश दस्ते बनाने की बात पहले भी कर चुके हैं। महाराष्ट्र सरकार तथा केंद्रीय सरकार का विश्वास प्राप्त करने के बाद उन्होंने यह संदेश दिया है या फिर यह उनकी अपनी सोच है? जो भी हो यदि सरकार कार्यवाही नहीं करती है तो उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल तो उठेगा ही।
तीसरा जो सब से महत्वपूर्ण समाचार था वह जनता दल यूनाइटेड शिवानन्द तिवारी जी द्वारा महाराष्ट्र ऐ टी एस प्रमुख रघुवंशी की नियुक्ति पर सवाल उठाने वाला था। हम उनकी बात से शत प्रतिशत सहमत हैं, हमने समाचार पढने के तुंरत बाद उनसे टेलीफोन पर संपर्क किया जिसके उत्तर में उन्होंने हमें बहुत कुछ जानकारियाँ दीं और इस सम्बन्ध में अपना बयान रोजनामा राष्ट्रीय सहारा के लिए फैक्स द्वारा भेजा। उनका यह बयान तो हम शब्दश: आज ही पाठकों की सेवा में प्रस्तुत कर रहे हैं, इसके अतिरिक्त रघुवंशी की निय्युक्ति पर हमारी राय क्या है, यह आगामी दिनों में इसी कॉलम में प्रस्तुत किया जायेगा।
"मुंबई के ऐ टी एस प्रमुख हेमंत करकरे की मृत्यु के बाद श्री के पी रघुवंशी को महाराष्ट्र सरकार ने ऐ टी एस का प्रभार सोंपा है। हेमंत करकरे के पहले श्री रघुवंशी ही ऐ टी एस के प्रमुख थे। इन्हीं के कार्यकाल में मालेगाँव में बम विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट काण्ड में ऐ टी एस ने मुसलामानों को ही जिम्मेदार मानकर अनुसंधान शुरू किया था। मुस्लिम नौजवानों को संदेह के आधार पर पकड़ा गया था।
बाद में जब हेमंत करकरे ऐ टी एस के प्रमुख बने तो उन्होंने विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई मोटर साइकल को आधार बनाकर मामले का अनुसन्धान शुरू किया और साध्वी प्रज्ञा तथा फौजी अफसर पुरोहित सहित अन्य हिरासत में लिए गए हैं।
चौकाने वाली बात यह है की श्री रघुवंशी ने ऐ टी एस प्रमुख के तौर २००५ में पुरोहित को ऐ टी एस मुख्यालय में आमंत्रित किया था। श्री पुरोहित ने श्री रघुवंशी के अनुरोध पर ऐ टी एस के स्टाफ को आतंकवाद से लड़ने की ऑपरेशनल ट्रेनिंग दी थी।
आज श्री पुरोहित आतंकी करवाई के प्रमुख साजिशकर्ता के रूप में जेल में बंद हैं। श्री रघुवंशी ऐ टी एस के प्रभार में हैं। ऐसे में मालेगाँव तथा अन्य आतंकवादी घटनाओं की निपक्ष जांच के भविष्य पर गंभीर संदेह पैदा हो गया है।
अभी ११ नवम्बर २००८ को स्वयं श्री रघुवंशी ने सार्वजनिक रूप से श्री पुरोहित को ऐ टी एस मुख्यालय में बुलाने की बात कबूल की है।
हमें आश्चर्य है की महाराष्ट्र की सरकार ने उपरोक्त तथ्यों के आलोक में श्री रघुवंशी को ऐ टी एस का प्रभार कैसे दिया? आज मालेगाँव के मुस्लमान श्री रघुवंशी को ऐ टी एस प्रमुख बनाये जाने के विरोध में जुलूस निकाल रहे हैं। हमें खेद है की गंभीर मामले की श्री अंतुले अनदेखी कर रहे हैं और बेवजह मुस्लिम समाज में भ्रम फैला कर नेता बन्ने की सस्ती कोशिश कर रहे हैं।
हम मांग करते हैं की महाराष्ट्र सरकार तत्काल श्री रघुवंशी को ऐ टी एस के प्रमुख के प्रभार से हटाये और किसी तटस्थ, निष्पक्ष तथा सक्षम पदाधिकारी को उसका प्रमुख बनाये।"
शिवानन्द तिवारी
(एम् पी) राष्ट्रीय प्रवक्ता जनता दल यूनाइटेड
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Hindustan Times
RSS man linked to bomb-making camp again
WEDNESDAY, DECEMBER 24, 2008
बम बनने वाले कैंप से एक बार फिर जुड़ा आर एस एस का आदमी
(पुणे, २३ दिसम्बर) आर एस एस के एक वरिष्ठ नेता डॉ शरद कुंटे के बारे में समझा जा रहा है की ऐ टी एस लगातार दूसरी बार उनको अपने निरिक्षण में रखे हुए है। ऐ टी एस सूत्रों के अनुसार मालेगाँव धमाका के अभियुक्त राकेश धावडे ने अपने वक्तव्य में कहा था की डॉ कुंटे ने इस प्रकार की करवाई के लिए उसके अन्दर रूचि पैदा करवाई थी। धावडे जो की २००३ के जालना और परभानी के धमाकों का भी अभ्युक्त है, उसने यह वक्तव्य जालना पुलिस के सामने दिया था। उसने बताया था की डॉ कुंटे भी उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने २००३ में पुणे के सिंघ्गढ़ किला के निकट "अकांक्षा" नामी रेस्टोरंट में बम बनाना सिखाने के लिए एक कैंप लगाया था। मंगलवार को आर एस एस के इस नेता ने बताया की उन्हें धावडे के इस वक्तव्य के बारे में पहले से ही जानकारी थी जो उस ने ऐ टी एस की हिरासत में रहते हुए २२ नवम्बर को जालना की अदालत में दिया था। डॉ कुंटे ने कहा था की "जब से (धावडे को) मजिस्ट्रेट की हिरासत में भेजा गया तो उसने (धावडे ने) अदालत के सामने यह बात स्पष्ट कर दी थी की उस ने यह बयान ऐ टी एस के दबाव में आकर दिया था। "डॉ कुंटे ने यह भी बताया की जालना पुलिस के सामने धावडे द्वारा इस वक्तव्य के दिए जाने के बाद ऐ टी एस ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया। डॉ कुंटे आर एस एस के ऐसे पहले नेता हैं जिनसे २९ सितम्बर के मालेगाँव धमाका के मामले में (जिसमें ६ व्यक्तियों की जानें चली गई थी) ऐ टी एस पूछताछ करेगी। पुणे ऐ टी एस पर चूंकि मीडिया से बात करने पर प्रतिबन्ध है इसलिए उसके अज्ञात सूत्रों से पता चला है की धावडे के वक्तव्य से ज्ञात हुआ है की उसने पाइप बम बनाने का सामान उपलब्ध कराया था, जिसके लिए पैसे डॉ कुंटे ने दिए थे। मालेगाँव बम धमाका की जांच के बाद ऐ टी एस ने महाराष्ट्र के जालना और परभनी के बम धमाकों के मामले की जांच फिर से प्रारम्भ कर दी है जिसमें पुलिस को हिंदू संघटनों के सम्मिलित होने का संदेह है। पुणे के एक प्रसिद्द कॉलेज के प्रोफेसर डॉ कुंटे कुछ साल पूर्व विश्व हिंदू परिषद् की राज्य ईकाई के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं।
(हिंदुस्तान टाईम्स, २४ दिसम्बर २००८, पेज ११)
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Lighting Candles no answer: Thackeray
HT Political Bureau
Mumbai, December 23
मोम बत्ती जलाना कोई जवाब नहीं है: ठाकरे
(मुंबई, २३ दिसम्बर) शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे को पिछले माह के हमलों के बाद गेट वे ऑफ़ इंडिया पर कुछ "नालायकों" द्वारा मोमबत्ती जलाना पसंद नहीं है। उन्होंने ने कहा है की मोमबत्ती जलाना आतंकवाद का उत्तर नहीं है।
शिव सेना के प्रवक्ता "सामना" को मंगलवार को दिए गए एक इंटरविउ में ठाकरे ने उन लोगों को काफ़ी बुरा-भला कहा है जो पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा शहर के पांचसितारा होटलों का दौरा प्रतिदिन कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया है की "जिन लोगों ने होटल ताज के सामने मोमबत्ती जलाई, वह सब बेकार लोग हैं। आतंकवादियों ने २६/११ से पहले जब हम पर हमला किया था तो यह लोग कहाँ थे?"
मोमबत्ती जलाने में सम्मिलित महिलाओं को सलाह देते हुए ठाकरे ने कहा है की वह महिला स्वतंत्रता सेनानियों से सीख लें। उनका कहना था की "इन औरतों ने मोमबत्ती जलाने से पहले किसी भी चीज़ के विरुद्ध लडाई नहीं लड़ी है। इन लोगों ने महाराष्ट्र राज्य की उन महिला स्वतंत्रता सेनानियों को न तो देखा होगा और न ही उन के बारे में सुना होगा, जिन्होंने बड़े स्तर पर प्रदर्शन किए और संयुक्त महाराष्ट्र के लिए लड़ाईयां लड़ी हैं।"
ठाकरे ने यह भी कहा है की अगर मालेगाँव धमाकों के अभियुक्तों का अपराध सिद्ध हो जाता है तो उन्हें खुशी होगी। उन्होंने बताया की "मैं हिन्दुओं से चाहता हूँ की वह आतंकवादी पैदा करें। वर्तमान परिस्थिति का मुकाबला इसी ढंग से किया जा सकता है।"
(हिंदुस्तान टाईम्स, २४ दिसम्बर २००८, पेज १०)
Thursday, December 25, 2008
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