Wednesday, February 17, 2010

अच्छा तो यह हमारे देश के दुश्मन नहीं पक्षियों के दोस्त हैं!

आज जिस समाचार पर मैं आपका ध्यान आकर्षित करने जा रहा हूं वह मेरे नज़दीक और मेरे विचार में मेरे देश की सुरक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। इतना महत्वपूर्ण कि मेरा आज का लेख तो बस इस समाचार के दूरगामी परिणामों की भूमिका से अधिक कुछ भी नहीं है। वास्तव में सोमवार के दिन अर्थात 15 फरवरी को दिल्ली एयरपोर्ट के निकट एक फाइव स्टार होटल ‘रेडिसन’ में संदिग्ध गतिविधियों के चलते दो ब्रिटिश नागरिकों को हिरासत में लिया गया। मैंने इस समाचार को एक दर्जन से ज़्यादा अख़बारों में पढ़ा है, जैसे इंडियन एक्सप्रेस , टाइम्स ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स, मिरर, हैडलाइन टुडे, द टेलीग्राफ़, मिड डे, डी एन ए, गार्जियन, राष्ट्रीय सहारा हिंदी, दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदी हिंदुस्तान, रोज़नामा नई दुनिया, जनसत्ता और नवभारत टाइम्स उल्लेखनीय हैं। इसके अलावा न्यूज़ एजेंसी पीटीआई और टाइम्स नाऊ टेलीवीजन Times now television मगर मैं यहां अपने पाठकों के सामने केवल दो अख़बारों के समाचार प्रकाशित कर रहा हूं। पहला समाचार हमारे रिपोर्टर राजीव रंजन का है जो हिंदी दैनिक राष्ट्रीय सहारा में पहले पृष्ठ के टॉप पर प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया है और दूसरी ख़बर एक अन्य हिंदी दैनिक की है। जब आप दोनों समाचारों का अध्य्यन करेंगे तो आपको अनुमान हो जाएगा कि इनके स्पष्टीकरण में मुझे अधिक कहने की आवश्यकता नहीं है। इसलिए कि यह समाचार यह ख़बरें स्वयं बोलती हैं कि अख़बार क्या कहना चाहता है, संवाददाता क्या कहना चाहता है। बाक़ी जिन अख़बारों और मीडिया का हवाला मैंने शुरूआती पंक्तियों में दिया उन्होंने भी मेरे विचार में जो कुछ लोगों के विचार से ग़लत भी हो सकता है, इतने स्पष्ट रूप से प्रकाशित नहीं किया जितना कि किया जाना चाहिए था। और न ही ध्यान देने योग्य बिंदुओं पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। हमारे संवाददाता राजीव रंजन ने जिस तरह तमाम बातों को सामने रखा वह अपने आप में इस मामले की गंभीरता को स्पष्ट करता है। हां, एक अतिरिक्त दृष्टिकोण टाइम्स नाऊ टेलीविजन के समाचार में यह अवश्य मिला कि गृहमंत्रालय के अधिकारी इस बात पर हैरान हैं कि यह दोनों विदेशी हवाई जहाज़ के पायलट और एटीसी (एयर ट्रेफ़िक कन्ट्रोल) के अधिकारियों के बीच होने वाली बात चीत को रिकार्ड कर रहे थे। एक अख़बार के अनुसार यह जानकारी भी आश्चर्य जनक है कि उनके पास मिले उपकरणों से 100 किलोमीटर की दूरी तक की चीज़ों को देखा जा सकता था। अख़बार ‘डीएनए’ लिखता है कि हमारी ख़ुफ़िया ऐजंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि यह दोनों पाकिस्तान या बंगला देश गए हैं या नहीं, क्या यह जानकारी इसलिए कि अगर यह दोनों पाकिस्तान व बंगला देश गए हैं तब तो यह ख़तरनाक आतंकवादी हो सकते हैं और इन दोनों के वास्तविक नाम अबू जिहाद या अबू जिंदाल जैसे साबित हो सकते हैं और यह भी जानकारी पायी जा सकती है कि यह दोनों लश्कर-ए-तय्यबा, अल-क़ायदा या इंडियन मुजाहिदीन के मास्टर माइंड हैं और अगर पाकिस्तान बंग्ला देश का दौरा नहीं किया तो बाक़ी दुनिया में कहीं भी गए हों देर-सवेर साबित हो जाएगा कि यह बेचारे मासूम तो आसमानी पक्षियों से प्रेम करने वाले हैं, जैसा कि एक अख़बार ने लिख ही दिया है और जो परिंदों से भी मुहब्बत करने वाले हों वह भला इन्सानों के दुशमन कैसे हो सकते हैं। उनके बारे में आतंकवादी जैसी बात सोची भी कैसे जा सकती है। हां, एक अख़बार ‘पंजाब केसरी’ ने अवश्य पहले पृष्ट पर स्पष्ट शीर्षक के साथ यह समाचार लगाया ‘‘दो ब्रिटिश ‘हेडली’ गिरफ्तार-चार दिन पहले ही आए थे दिल्ली’’ शेष समाचार के बारे में, मैं अधिक कुछ नहीं कहना चाहूंगा लेकिन यह हैडिंग ही अपने आप में यह प्रभाव छोड़ती है कि अख़बार ने मामले की गंभीरता को किस हद तक महससूस किया।

अब रहा मेरे महसूस करने का सवाल तो जनाब देखते जाइए कि इन परिंदों से प्रेम करने वालों की दास्ताने इश्क़ किस तरह बयान करता हूं और क्या महसूस करता हूं।

‘राष्ट्रीय सहारा’ 17।02.2010, पृष्ठ-1/२

एटीसी और पायलट की बातें सुनने वाले दो विदेशी हिरासत में

नई दिल्ली (एसएनबी), इंदिरा गांधी हवाई अड्डे से कुछ दूर स्थित फाइव स्टार रेडिसन होटल से दो ब्रिटिश नागरिकों को उस समय हिरासत में लिया गया, जब वे विमानों की आवाजाही को कैमरे में कै़द करने के साथ विमानों की गति माप रहे थे। पुलिस ने दोनों के कब्ज़े से अत्याधुनिक दूरबीन, एक रडारनुमा वस्तु, रिकार्डर, लैपटॉप, आईजीआई एयरपोर्ट के नक़्शे, तस्वीर समेत कई अन्य उपकरण बरामद किए हैं। दोनों ब्रिटिश नागरिकों के नाम स्टीव मार्टिन (55) तथा स्टीफन हैप्सिटन (46) हैं। इन पर जासूसी करने का शक है। हालांकि दोनों ने इन आरोपों से इनकार किया है। सुरक्षा एजेंसियां तथा दिल्ली पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। जानकारी के अनुसार सोमवार देर शाम होटल रेडिसन के स्थानीय प्रबंधक ने पुलिस को सूचना दी थी कि उनके यहां होटल में टिके दो विदेशियों की भूमिका संदिग्ध दिख रही है। दोनों विदेशी पर्यटक कमरे से विमानों की आवाजाही के दृश्य कैमरे में कै़द कर रहे हैं। दोनों विदेशी पर्यटक छत के नज़दीक कमरा मांग रहे हैं। पुलिस ने मौक़े पर पहुंच कर दोनों विदेशी नागरिकों को हिरासत में ले लिया।

पूछताछ में पता चला कि दोनों मूल रूप से ब्रिटेन के हैं और 13 फरवरी को टूरिस्ट वीज़ा पर भारत आए थे। दिल्ली आने पर दोनों महिपालपुर के रेडिसन होटल में ठहरे। दोनों ने होटल प्रबंधन से छत के समीप कमरा दिए जाने की मांग की, लेकिन होटल प्रशासन द्वारा छत के समीप कोई कमरा ख़ाली न होने की वजह से दोनों को चौथे तल पर कमरा दिया। होटल प्रबंधन ने पुलिस को बताया कि दोनों विदेशी कमरे में रहने के दौरान बहुत कम बाहर निकलते थे और अक्सर खिड़कियों से विमानों की आवाजाही के दृश्यों को कभी दूरबीन से देखते थे तो कभी विमानों की तस्वीरों को कैमरे में क़ैद करते रहते थे। मूल रूप से ब्रिटेन के रहने वाले दोनों विदेशियों ने होटल प्रबंधन से छत के समीप कमरा दिए जाने की जब लगातार मांग की तो होटल प्रशासन को उन पर शक हो गया। होटल प्रबंधन ने मामले की जानकारी पुलिस को दे दी। पुलिस ने बताया दोनों के क़ब्ज़े से एंटीना लगा रडारनुमा एक उपकरण भी बरामद किया गया है। दोनों आरोपियों ने विमान को नज़दीक से देखने के शौक़ के चलते तस्वीर उतारने की बात तो स्वीकार की है, लेकिन जासूसी के आरोप से इनकार किया है। लेकिन पुलिस तथा सुरक्षा एजेंसियों को उनकी कहानी नहीं पच रही है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों ने भी दोनों ब्रिटिश नागरिकों से गहन पूछताछ की है। बताया जाता है कि ब्रिटिश रेलवे में काम करने वाले इन दोनों ब्रिटिश नागरिकों का वीज़ा 17 फरवरी तक है। इससे पहले पिछले बुधवार को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से विस्टन मार्शल करमाइकल नामक एक अमेरिकी नागरिक को उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब विस्टन शिलाजीत के टुकड़ों में चाकू छिपाकर ले जाने की कोशिश कर रहा था। दिल्ली पुलिस के पीआरओ राजन भगत ने बताया हिरासत में लिए गए दोनों ब्रिटिश नागरिकों से लगातार पूछताछ की जा रही है। पूछताछ पूरी होने के बाद ही कोई मामला दर्ज किया जाएगा या फिर उन्हें छोड़ा जाएगा।

रेडिसन होटल में पकड़े गए अंग्रेज़ निकले बर्ड वॉचरपुलिस ने उनके पक्षी प्रेम पर यक़ीन कर छोड़ा

नई दिल्लीः यूके निवासी दो एमेच्योर पक्षी प्रेमियों स्टीफन और स्टीव ने सुना था कि दिल्ली में एयरपोर्ट के आसपास पक्षी उड़ते रहते हैं। दोनों एयरपोर्ट के नज़दीक रेडिसन होटल में ठहरे। दोनों उपकरण लेकर होटल की छत पर जा चढ़े। किसी ने उन्हें संदिग्ध समझ पुलिस को कॉल कर दी। चौकन्ना खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। पुलिस को शक था कि ये दोनों हवाई जहाज़ों की जासूसी कर रहे हैं। बाद में पुलिस को उन पर यक़ीन आया।

रेडिसन होटल में स्टे कर रहे दो पक्षी प्रेमियों को पूरा दिन पुलिस हिरासत में गुज़ारना पड़ा। पुलिस को शक था कि दोनों हवाई जहाज़ों की जासूसी कर रहे हैं। अंततः पुलिस को उनके पक्षी प्रेम पर यक़ीन आया और उन्हें छोड़ दिया गया।सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि यूके में रहने वाले स्टीफन हैम्पस्टन (46) और स्टीव मार्टिन (55) एमेच्योर बर्ड वॉचर (शौकिया पक्षी प्रेमी) हैं। दोनों युनाइटेड किंगडम रेलवे डिपार्टमेंट में अफसर हैं। दोनों पक्षियों पर रिसर्च कर रहे हैं। इसी थीसिस के सिलसिले में दोनों कई मुल्कों में घूमकर वहां के पक्षियों की आदतों और बर्ताव पर रिसर्च कर चुके हैं। कुछ दिन पहले दोनों ने दिल्ली के पक्षियों पर स्टडी करने का कार्यक्रम बनाया और 13 फरवरी को ब्रिटिश एयरवेज़ की फ्लाइट से दिल्ली आ गए।

पुलिस के मुताबिक़, स्टीफन और स्टीव ने ब्रिटेन में सुना था कि दिल्ली में एयरपोर्ट के आसपास काफ़ी पक्षी उड़ते रहते हैं, इसलिए दोनों इंटरनैशनल एयरपोर्ट के नज़दीक रेडिसन होटल में ठहर गए। दोनों अपनी दूरबीनें और एंटीना जैसे बाक़ी उपकरण लेकर होटल की छत पर जा चढ़े। इधर स्टीफन और स्टीव अपनी स्टडी में लगे थे और उधर किसी ने उनकी स्टडी और उपकरणों को संदिग्ध समझ लिया। उसने पुलिस को कॉल कर दी। हेडली कांड के बाद चौकन्ना हुई खुफिया एजेंसियों और दिल्ली पुलिस ने होटल जाकर दोनों को पकड़ लिया।

इस केस की तहक़ीक़ात आईबी और स्पेशल सेल की सदर्न रेंज के अफसरों ने की। स्टीव और स्टीफन से मंगलवार दिन भर होटल के बंद कमरे में पूछताछ की गई। उनके पासपोर्ट में कई देशों की यात्राओं का ब्यौरा मिला। पुलिस अफसर ने बताया कि दोनों कभी पाकिस्तान या बंग्लादेश नहीं गए। स्टीव और स्टीफन ने ब्रिटेन में अपनी रेलवे की नौकरी और बर्ड वॉचिंग की स्टडी के बारे में बताया। दोनों से मिली जानकारी को लंदन में भारतीय दूतावास को फैक्स किया गया। वहां तहक़ीक़ात में जानकारी मिली कि दोनों से पूछताछ में मिली जानकारियां सही हैं। दिल्ली में ब्रिटिश दूतावास से भी संपर्क किया गया। वहां के अफसर भी होटल पहुंचे। ब्रिटिश नागरिकों से जुड़ा मामला होने से नॉर्थ ब्लॉक और पुलिस मुख्यालय में उच्च सरकारी अधिकारी भी पूछताछ की जानकारी ले रहे थे।

पुलिस अफसर ने बताया कि स्टीव और स्टीफन से ऐसे कोई टेप नहीं मिले, जिनमें विमानों के पायलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के बीच की बातचीत रेकॉर्ड हुई हो। दिन भर चली मशक्कत के बाद मंगलवार शाम दोनों पक्षी प्रेमियों को क्लीन चिट दे दी गई। पिछले हफ्ते एयरपोर्ट पर अमेरिकी नागरिक विन्सेंट मार्शल भी पकड़ा गया था, जिसे बाद में छोड़ दिया गया था।